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अन्नमय्य कीर्तन सुव्वि सुव्वि सुव्वालम्म - श्री वेंकटेश्वर स्वामी कीर्तन


सुव्वि सुव्वि सुव्वालम्मा
नव्वुचु देवकि नंदनु गनियॆ ॥

शशि वॊडचॆ अलसंबुलु गदचॆ
दिश देवतल दिगुल्लु विडचॆ ॥

काविरि विरसॆ कंसुडु गिनिसॆ
वाविरि पुव्वुल वानलु गुरिसॆ ॥

गति सेसॆ अटु गाडिद गूसॆ
कुतिलकुडिचि जनकुडु नोरु मूसॆ ॥

गगुरु पॊडिचॆ लोकमु विधि विडिचॆ
मॊगुलु गुरियग यमुनपै नदचॆ ॥

कलिजारॆ वेंकटपति मीरॆ
अलमेल्मंग नांचारम्मकलुकलु तीरॆ ॥